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एक सच्चा राजनेता दे दे बाबा

गुरुवार, 11 नवंबर 2010

प्रवक्ता डॉट पर सूरज तिवारी ‘मलय’ का लेख पढने को मिला । लेख से बढिया तस्वीर लगी इसलिये फटाफट कापी पेस्ट करके यहां चिपका दिया । मैं पिछले तीन चार दिनों से भ्रष्टाचार पर लिखे लेख पढता रहा, उनसे संबंधित खबरें छानता रहा लेकिन हर बार इसके इतिहास में जाने में नाकाम होता रहा । फिर ऐसे ही विचार आया कि दिमाग में घुमडते सवालों की बारिश कर ही दूँ तो लिजिये पेशे खिदमत है अनुसलझे प्रश्नों की अजीब भ्रष्टाचारी सवालों में उलझता आमजन -
  1.  - 15 अगस्त 1947 को जवाहर लाल नेहरू को प्रधानमंत्री किसने बनाया, जबकि आम           चुनाव 1952 में हुए थे ?
  2. आजादी के बाद क्रांतीकारीयों को नजरअंदाज करते हुए केवल कांग्रेस को ही देश का सच्चा हितैषी क्यों बताया गया , जबकि भारतीय क्रांतीकारी हरकतों से त्रस्त होकर और भारत की बढती आबादी को नियंत्रित ना कर पाने की भावी संभावनाएं भी एक कारण थी ब्रटिश शासन के भारत छोडने के लिये ?
  3. संघ को भगवा आतंकवादी कहने वाली कांग्रेस अपने को भ्रष्टाचार की अम्मा कहने से क्यों संकोच करती है ?
  4. अभी तक हुए देश के सभी बडे भ्रष्टाचार कांग्रेस के शासन काल में ही हुए हैं चाहे वह बोफोर्स हो या अब तक का कॉमनवेल्थ फिर भी उसे ही सत्ता का मोह क्यों  ?
  5. प्रादेशिक पार्टीयों में भी कांग्रेस का साथ हमेशा भ्रष्ट दल ही क्यों देते हैं ?
                                           अब सवालों को छोड कर काम पर लगने वाली बातों पर आ जाया जाए । सारा देश आज महंगाई और भ्रष्टाचार से हलाकान है, गृहणीयों की बातें छोडें और अपनी सोचें तो भी बहुत बुरा हाल दिखाई देता है । कहीं भी जाओ भ्रष्टाचार हर रूप में दिखलाई पड रहा है , चाहे आप सडक पर चलें या पुल पर, बच्चों के खेल मैदान में जाएं या फिर उद्यानों में, सरकारी शौचालयों का हाल देखें या फिर सरकारी अस्पतालों का .. हर जगह भ्रष्टाचार का बोलबाला है । सडकें गढ्ढों में तब्दील हो जाती हैं लेकिन किसी भी सरकारी दफ्तर पर कोई फर्क नही पडता क्योंकि हिस्सा सब जगह पहुंच चुका होता है । नालियां अधुरी बना कर रोक दी जाती हैं क्योंकि ठेकेदार को पूरा पैसा और अफसरों को पूरा कमीशन मिल चुका होता है । आप कहीं भी जाकर किसी भी जगह देखकर भ्रष्टाचार को पहचान सकते हैं । इन फैलते अमर बेल की लताओं से निपटने के लिये सारे सरकारी दावे खोखले हो जाते हैं बडी मछलियां निकल जाती है और छोटी को पकड कर वाहवाही लुटी जाती है ।
                                                           आज जनता को चाहिये कि वह अपने अधिकारों को पहचाने यह कहना लिखना आसान है परन्तु अमल में लाना नामुकिन .. जो जनता आज तक अपने वोटो की किमत नही समझ सकी है वह अपने बाकि अधिकारों को क्या जानेगी । आने वाले समय में फिर से कांग्रेस अपना परचम लहराएगी क्योंकि लालू,  मुलायम औऱ पासवान की तिकडी उसके काम आएगी ।

जय देश , जय भारत ?
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