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गंगा

गुरुवार, 7 जुलाई 2011


भाई बद्रिनाथ यात्रा के समय अनुभव हुआ है…... अलख्न्न्नदा + मन्दाकनी + भागीरथी + अन्य = गंगा (देवप्रयाग से)…… जब सनातन समस्त सम्प्रदाय की धारा मिल जाएँ तो भारतवर्ष मे पुन: सनातन गंगा निकल पडेगी तभी राष्ट्र का कल्याण है.......आज एक महिला के पच्छिम देश  भारत पर एक  सम्प्रदाय को मजबूत करने का कवायद कर रहे हैसरस्वती शायद विलुप्त होने कि वजह से हमारी यह हालात है……
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